मनुष्य-जाति के इतिहास में जंगल-युग से जो भी परिस्थितियां उदय हो रही हैं, वे समस्या की ओर ही जा रही हैं। अभी तक के इतिहास में मनुष्य जैसे भी जिया है, समस्याओं को ही निर्मित किया है। हर परिस्थिति समस्या को ही लाया, समाधान को नहीं ला पाया। पीढी दर पीढी समस्याएं बढ़ती ही आयी हैं। समस्याओं से मनुष्य-जाति पूरी तरह अब घिर चुकी है। इससे "तत्काल राहत" की आवश्यकता है - ऐसा भी मुझसे कई लोग पूछते हैं।
समाधान के अलावा "तत्काल राहत" क्या होगी? समाधान के अलावा आप जो कुछ भी करेंगे समस्या ही पैदा करेंगे। समाधान से तत्काल भी राहत है, दीर्घ-काल तक भी राहत है, सर्व-काल तक भी राहत है।
- जीवन विद्या राष्ट्रीय सम्मलेन २००६, कानपुर में बाबा श्री नागराज शर्मा के उदबोधन पर आधारित
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