समाधान वह चीज़ है जिसके आने के बाद प्रश्न का कोई मतलब ही नहीं रह जाता।
जहाँ समाधान नहीं है - वहीं प्रश्न है।
गलती में अनेक प्रश्न हैं - हर गलती अपने तरीके की है।
सही में एक ही उत्तर - अनंत प्रश्नों का एक ही उत्तर है।
हर गलती एक प्रश्न-चिन्ह बनता है।
मध्यस्थ-दर्शन एक प्रश्न-मुक्ति अभियान है।
- बाबा श्री नागराज शर्मा के साथ संवाद पर आधारित (जनवरी २००७, अमरकंटक)
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