This blog is for Study of Madhyasth Darshan (Jeevan Vidya) propounded by Shree A. Nagraj, Amarkantak. (श्री ए. नागराज द्वारा प्रतिपादित मध्यस्थ-दर्शन सह-अस्तित्व-वाद के अध्ययन के लिए)
ANNOUNCEMENTS
Tuesday, February 2, 2010
समझने की "इच्छा" स्वयं में वरीय होने पर ही मनुष्य समझने के लिए समर्पित होता है.
No comments:
Post a Comment