This blog is for Study of Madhyasth Darshan (Jeevan Vidya) propounded by Shree A. Nagraj, Amarkantak. (श्री ए. नागराज द्वारा प्रतिपादित मध्यस्थ-दर्शन सह-अस्तित्व-वाद के अध्ययन के लिए)
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Monday, February 29, 2016
जीवन और जन्म
"जीवन संस्कारशील है, जन्म भोगशील है. भोग सापेक्षता में जीवन का विस्मृति ही प्रधानतः अज्ञान है. जीवन मूल्य की अपेक्षा में ही जीवन का कार्यक्रम निर्धारित होता है.
" - श्री ए नागराज
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