"विश्वास स्थापित मूल्यों में से साम्य मूल्य है. विश्वास मूल्य की अनुभूति मानवीयता में ही होती है. विश्वास मूल्य ही क्रम से पूर्ण मूल्यानुभूति पर्यन्त प्रगतिशीलता के लिए बाध्य करता है, प्रेरित करता है. इसी क्रम में मानव में गुणात्मक परिवर्तन होता है. अध्ययन क्रम में अस्तित्व को सहअस्तित्व रूप में,जीवन के अमरत्व एवं परस्परता में सम्बन्ध को अवधारणा के रूप में स्वीकारने के क्रम में विश्वास का उदय होना सिद्ध है." - श्री ए नागराज
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