सभी इकाइयों के बीच में जो खाली-स्थली है - वह व्यापक-वस्तु है। दो धरतियों, दो मनुष्यों, दो परमाणुओं, दो परमाणु-अंशों - सभी के बीच जो खाली-स्थली है, वह व्यापक-वस्तु ही है। व्यापक-वस्तु अत्यंत सूक्ष्म होने के कारण सभी वस्तुओं में पारगामी है।
अस्तित्व में व्यापक-वस्तु हर जगह है। कुछ स्थानों पर पदार्थ (प्रकृति) है, कुछ स्थानों पर नहीं है। जहां पदार्थ है, वहां भी व्यापक-वस्तु है। जहां पदार्थ नहीं है, वहां भी व्यापक वस्तु है। इस प्रकार - व्यापक में ही सम्पूर्ण प्रकृति है। व्यापक-वस्तु अत्यंत सूक्ष्म होने के कारण सभी वस्तुओं में पारगामी है। पत्थर, लोहे सभी में व्यापक पारगामी है। पारगामियता के फल-स्वरूप ही प्रकृति की इकाइयां ऊर्जा-संपन्न हैं।
प्रश्न: क्या परमाणु-अंश के बीच में भी कोई रिक्त स्थान है, जहां व्यापक तो है - पर पदार्थ नहीं है?
उत्तर: नहीं। परमाणु-अंश के बीच कोई रिक्त-स्थान नहीं है। परमाणु-अंश जहां है, वहां पदार्थ भी है और व्यापक भी है।
क्रमशः
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