"मूल्यों सहित संबंधों का निर्वाह ही विश्वास और उसकी निरंतरता है. विश्वास स्व-संतुष्टि का नित्य स्त्रोत, अमरस्त्रोत जीवन का अभीष्ट और गुणात्मक विकास का आधार है. न्याय का साक्ष्य विश्वास एवं विश्वास का साक्ष्य न्याय है. न्याय व विश्वास अविभाज्य वर्तमान है." - श्री ए नागराज
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