"मानव से होने वाले समस्त कार्य व्यव्हार के मूल में विचार और विचार के मूल में समझ है. सम्पूर्ण कार्य व्यव्हार मानवीय तथा अमानवीय प्रभेद से स्पष्ट है. अमानवीय कार्य व्यव्हार के लिए अज्ञान व आवेश ही प्रधान कारण है. अज्ञान का तात्पर्य जो जैसा है उसको वैसा ही समझ पाने की योग्यता नहीं होना। बाहरी शक्तियों के प्रहार से आवेश है. इनका मुख्य कारण शिक्षा, संस्कार, व्यवस्था, चरित्र की परंपरा का अभाव है. अतः इसकी स्थापना के लिए कार्य करना परम उपकार है." - श्री ए नागराज
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