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Wednesday, March 16, 2016

राष्ट्रीय कार्यक्रम

"सार्वभौम सामाजिकता केवल मानवीयता पूर्वक ही है.  मानव जाति का सामाजिक चेतना से समृद्ध होना अनिवार्य स्थिति है.  मानवीयता ही मानव का स्वभाव गुण होने के कारण इसे सर्वसुलभ बनाना ही शिक्षा व व्यवस्था का मौलिक कार्यक्रम है.   इसी को सामाजिक रचनात्मक अथवा राष्ट्रीय कार्यक्रम के नाम से जाना जाता है.  इसमें प्रधान तत्व मानव चेतना के उत्कर्ष के लिए उपयोगी कार्यक्रम को संपन्न करना है.


  • मानव जाति समानता 
  • मानव धर्म समानता 
  • मानव स्वत्व समानता 
  • मानव स्वतंत्रता में समानता 
  • मानव अधिकार में समानता"  - श्री ए नागराज  

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