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Wednesday, March 2, 2016

अनुकरण अनुशीलन के लिए बाध्यता

"विषमता, मतभेद, द्रोह, विद्रोह, आतंक, सम्पत्तिकरण, वर्ग संघर्ष एवं युद्ध - ये सब मानव के समाधान और समृद्धि के अवरोधक तत्व हैं.  मानव ही प्रतिभा और व्यक्तित्व के असंतुलन वश गलती एवं अन्याय में प्रवृत्त होता है.  फलतः मंगलकामना रहते हुए भी अमंगलकारी कर्म करता है.  अमंगलकारी विचार, व्यवहार एवं कर्म सामाजिकता के लिए सहायक नहीं हैं.  इसी सत्यता वश मानव मंगलदायी विचार, व्यवहार एवं कर्म के अनुकरण, अनुशीलन के लिए बाध्य है." - श्री ए नागराज


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