"ज्ञान वह है जो व्यक्त भी हो और वचनीय भी हो। जिसको हम समझ भी सकें और समझा भी सकें। ज्ञान का मतलब यही है। धरती बीमार हो गयी है, हम कुछ गलती कर गए, उसको समझने के लिए और उसको ठीक करने के लिए ज्ञान चाहिए।"
- श्री ए नागराज के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त 2006, अमरकंटक)
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