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Wednesday, July 4, 2012

देखना और समझना



गणित आँखों से अधिक है, लेकिन समझ से कम है।  गणित द्वारा वस्तु का सम और विषम गुण समझ आता है, किन्तु मध्यस्थ को गणित द्वारा नहीं समझा जा सकता।  कारणात्मक भाषा से ही मध्यस्थ समझ में आता है।  मध्यस्थ दर्शन का मतलब है - वर्तमान को समझना।

- श्री ए नागराज के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त 2006, अमरकंटक)

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