This blog is for Study of Madhyasth Darshan (Jeevan Vidya) propounded by Shree A. Nagraj, Amarkantak. (श्री ए. नागराज द्वारा प्रतिपादित मध्यस्थ-दर्शन सह-अस्तित्व-वाद के अध्ययन के लिए)
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Thursday, July 5, 2012
ज्ञानगोचर
ज्ञानगोचर वस्तु पहचानने में आ जाए और प्रमाणित हो जाए - इसका नाम है अध्ययन। ज्ञान का आरंभिक स्वरूप है - कल्पना।
- श्री ए नागराज के साथ संवाद पर आधारित (जनवरी 2007, अमरकंटक)
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