हम जहाँ हैं, वह हमारा घर है।
हम अस्तित्व में हैं, अस्तित्व हमारा घर है।
घर की सुन्दरता पहचान में आती है तो इस में सुंदर ढंग से जीने की बात बनती है।
सुंदर ढंग से जीने में शुभ होता ही है।
यही सर्व-शुभ का रास्ता है।
- बाबा श्री नागराज शर्मा के साथ संवाद पर आधारित (जनवरी २००७, अमरकंटक)
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