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Saturday, April 2, 2016

मानव का स्वभाव गति में होने का अर्थ

"मानव का स्वभाव गति में होने का अर्थ है मानव का स्वनियंत्रित होना।  मानव की स्वभाव गति मानवीयता पूर्ण आचरण ही है.  मानव की परस्परता में न्यायपूर्वक व मनुष्येत्तर प्रकृति के साथ नियम पूर्वक आचरण ही नियंत्रण है.  अतः मानव अपने स्वभाव गति में स्वयं व्यवस्था में रहते हुए परस्परता में उपयोगिता, सदुपयोगिता, प्रयोजनीयता पूर्वक पूरकता, उदारता पूर्वक आचरण प्रमाणित करता है." - श्री ए नागराज


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