This blog is for Study of Madhyasth Darshan (Jeevan Vidya) propounded by Shree A. Nagraj, Amarkantak. (श्री ए. नागराज द्वारा प्रतिपादित मध्यस्थ-दर्शन सह-अस्तित्व-वाद के अध्ययन के लिए)
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Saturday, April 16, 2016
परिवार
"निश्चित संख्या में जागृत मानव जो परस्पर सम्बन्धों को पहचानते व मूल्यों का निर्वाह करते हैं, और परिवार गत उत्पादन कार्य में परस्पर पूरक होते हैं, ऐसे कम से कम दस व्यक्तियों के समूह की परिवार संज्ञा है." - श्री ए नागराज
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