शब्द का अर्थ होता है।
अर्थ के मूल में अस्तित्व में वस्तु होता है।
वस्तु को इंगित करना ही शब्द का काम है।
उसको पहचान लेना व्यक्ति का काम है।
पहचान लिया = समझ में आया।
नहीं पहचाना = समझ में नहीं आया।
पहचान पूरा हो जाना = अध्ययन पूरा होना।
अध्ययन पूरा होना = सह-अस्तित्व रुपी अस्तित्व में बोध संपन्न होना।
- बाबा श्री नागराज शर्मा के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००६)
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