This blog is for Study of Madhyasth Darshan (Jeevan Vidya) propounded by Shree A. Nagraj, Amarkantak. (श्री ए. नागराज द्वारा प्रतिपादित मध्यस्थ-दर्शन सह-अस्तित्व-वाद के अध्ययन के लिए)
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Sunday, July 24, 2016
न्याय की अपेक्षा
जीव चेतना में जीते तक न्याय की अपेक्षा तक बनता है, पर न्याय होता नहीं है.
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