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Friday, September 21, 2012

अध्ययन का नया आधार

अस्तित्व को समझने के लिए आधार (reference) को मानव ही प्रस्तुत करेगा।  अभी तक जिनको भी आधार  (reference) मानते हैं, वे मानव द्वारा ही प्रस्तुत किये गए हैं। उन आधारों पर चलने से तथ्य कुछ मिला नहीं।  प्रचलित आधारों को छोड़ करके यह प्रस्ताव है।  मैं इस नए आधार (reference) का प्रणेता हूँ।   इसको जांचने की आवश्यकता है कि यह पूरा पड़ता है या नहीं।  जांचने का अधिकार सभी के पास है।

प्रश्न: अध्ययन का यह नया आधार क्यों आया?

उत्तर: परंपरागत आधारों पर चलने से अपराध-मुक्ति का कोई स्वरूप निकला नहीं.  परंपरागत आधार न्याय, धर्म, सत्य का लोकव्यापीकरण कर नहीं पाए.  न्याय, धर्म, सत्य के लोकव्यापीकरण और अपराध-मुक्ति के लिए यह अध्ययन का नया आधार आया है. 

- -    श्री ए नागराज के साथ संवाद पर आधारित (अप्रैल २००८, अमरकंटक)

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