मध्यस्थ दर्शन के अध्ययन विधि का रास्ता धैर्य और स्नेह का है - यह हड़बड़ी वाला रास्ता नहीं है, नाराजगी वाला रास्ता नहीं है, आलोचना वाला रास्ता नहीं है, विरोध वाला रास्ता नहीं है. (अब तक की सोच के अनुसार चलने से) घटनाक्रम में हम सर्वनाश की ओर जा रहे हैं - सर्वशुभ की ओर दिशा के परिवर्तन के लिए यह प्रस्ताव है. इसकी ज़रूरत है या नहीं - सोच लो!
- श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (जनवरी २००८, अमरकंटक)
- श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (जनवरी २००८, अमरकंटक)
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