अवलोकन = अवधारणा के स्वरूप में वस्तु को देखने की विधि
सत्ता में सम्पृक्त प्रकृति के स्वरूप में अस्तित्व का अवलोकन है. जीवन और शरीर के समुच्चय स्वरूप में मानव का अवलोकन है.
वर्तमान स्थिति को देखने पर अवगत होता है कि यह धरती रोग-ग्रस्त हो गयी है और मानव लक्ष्य-विहीन और दिशा-विहीन है. यही इस पूरे अभियान का उद्देश्य है: - धरती का रोग दूर होने का उपाय मिल जाए और मानव जाति को लक्ष्य और दिशा मिल जाए. इसी आशय से इस कार्यक्रम को शुरू किया गया है.
- श्री ए नागराज के साथ संवाद पर आधारित (सितम्बर १९९९, आंवरी आश्रम)
सत्ता में सम्पृक्त प्रकृति के स्वरूप में अस्तित्व का अवलोकन है. जीवन और शरीर के समुच्चय स्वरूप में मानव का अवलोकन है.
वर्तमान स्थिति को देखने पर अवगत होता है कि यह धरती रोग-ग्रस्त हो गयी है और मानव लक्ष्य-विहीन और दिशा-विहीन है. यही इस पूरे अभियान का उद्देश्य है: - धरती का रोग दूर होने का उपाय मिल जाए और मानव जाति को लक्ष्य और दिशा मिल जाए. इसी आशय से इस कार्यक्रम को शुरू किया गया है.
- श्री ए नागराज के साथ संवाद पर आधारित (सितम्बर १९९९, आंवरी आश्रम)
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