बाबा जी के साथ हुए संवाद जो इस blog पर हैं, उसका प्रथम संस्करण एक पुस्तक के रूप में भी अब उपलब्ध हैं. पुस्तक का शीर्षक है - "संवाद". इस पुस्तक को खरीदने के लिए संपर्क करें - 9993249981.
बाबा जी द्वारा लिखा गया इस पुस्तक का प्राक्कथन निम्न प्रकार से है: -
"संवाद करीब ३०० पेज में लिखा हुआ, उसको पढ़कर देखा. यह मध्यस्थ दर्शन सह-अस्तित्ववाद के अनुरूप प्रस्तुति है. इसमें प्रश्न भी हैं और उत्तर भी. इसे संभाल कर लिपिबद्ध किया है. इसको यथावत छपा कर लोगों के हाथ में पहुंचाने का प्रयास स्वागतीय है. इसकी उपयोगिता जिज्ञासुओं के लिए प्रेरक होना सहज है. यह संवाद राकेश गुप्ता, बंगलौर और श्रीराम नरसिम्हन, पुणे के साथ संपन्न हुआ.
सर्व-शुभ हो! जय हो! मंगल हो!"
प्रणेता लेखक
ए नागराज
मध्यस्थ दर्शन सह-अस्तित्ववाद
जिला अनूपपुर, अमरकंटक, भारत
बाबा जी द्वारा लिखा गया इस पुस्तक का प्राक्कथन निम्न प्रकार से है: -
"संवाद करीब ३०० पेज में लिखा हुआ, उसको पढ़कर देखा. यह मध्यस्थ दर्शन सह-अस्तित्ववाद के अनुरूप प्रस्तुति है. इसमें प्रश्न भी हैं और उत्तर भी. इसे संभाल कर लिपिबद्ध किया है. इसको यथावत छपा कर लोगों के हाथ में पहुंचाने का प्रयास स्वागतीय है. इसकी उपयोगिता जिज्ञासुओं के लिए प्रेरक होना सहज है. यह संवाद राकेश गुप्ता, बंगलौर और श्रीराम नरसिम्हन, पुणे के साथ संपन्न हुआ.
सर्व-शुभ हो! जय हो! मंगल हो!"
प्रणेता लेखक
ए नागराज
मध्यस्थ दर्शन सह-अस्तित्ववाद
जिला अनूपपुर, अमरकंटक, भारत
No comments:
Post a Comment