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Wednesday, December 18, 2024

पारगामीयता और पारदर्शीयता

प्रश्न: ज्ञान की पारगामीयता और पारदर्शीयता को प्रमाणित करने का क्या अर्थ है?

उत्तर:  सर्वत्र एक सा विद्यमान व्यापक वस्तु को ज्ञान नाम दिया है.  व्यापक वस्तु ही मानव में ज्ञान कहलाता है.  ज्ञान न भौतिक वस्तु है, न रासायनिक वस्तु है, न जीवन वस्तु है.  ज्ञान इन तीनों से मुक्त है.  ज्ञान वस्तु में सीमित नहीं होता है.

ज्ञान होता है, यह हम अनुभव करते ही हैं.  दूसरों में यही वस्तु स्वीकार होने पर पहुँचता है - यह ज्ञान की पारगामीयता का प्रमाण है.

दो इकाइयां परस्पर पहचान पाती हैं - यह पारदर्शीयता है.  व्यापक वस्तु पारदर्शी है, इसी कारण एक दूसरे पर परस्परता में प्रतिबिम्बन रहता है.  मानव को इसका ज्ञान होता है.  

मानव ज्ञान के पारगामी और पारदर्शी होने को प्रतिपादित करता है.  इन दोनों के आधार पर अनुभव होने को प्रतिपादित करता है.  

- श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (मई २००७, अमरकंटक)

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