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Friday, June 14, 2019

मध्यस्थ का प्रकाश होना या नहीं होना - इतना ही अंतर है.

प्रश्न:  आत्मा अनुभव से पूर्व भी सम विषम से अप्रभावित है, अनुभव पूर्वक भी सम विषम से अप्रभावित है - तो दोनों स्थितियों में अंतर क्या है?

उत्तर: मध्यस्थ का प्रकाश होना या नहीं होना - इतना ही अंतर है.  सत्य बोध बुद्धि में नहीं हुआ था इसीलिये मध्यस्थ (अनुभव) का प्रकाश नहीं हुआ था.  अध्यापक के अनुभव की रोशनी में विद्यार्थी अध्ययन करता है, जिससे उसको सत्य बोध होता है.  अनुभव होगा इस बात के लिए अध्ययन ही करते हैं.  इस मार्ग में सिलसिले से समाधान निकलता ही जाता है.


- श्रद्धेय श्री ए नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (दिसम्बर २००८, अमरकंटक)

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