संवेदना का परिभाषा है - पूर्णता के अर्थ में वेदना.
संवेदना की यह परिभाषा किस प्रकार चरितार्थ होगी? आप सोचिये!
भोगवाद संवेदनाओं को उन्मुक्त करने में खुशहाली मानता है. व्यापार विधि में ऐसा मानते हैं - व्यापार से पैसा, पैसे से संग्रह, संग्रह से भोग, भोग से खुशहाली.
यहाँ (मध्यस्थ दर्शन में) संवेदनाओं को संयत करने में खुशहाली मानते हैं.
संवेदनाओं को कितना भी उन्मुक्त बनाएं, उसमें खुशहाली तो मिलता नहीं है. संवेदनाओं को संयत करने में सर्वतोमुखी समाधान पूर्वक खुशहाली का निरंतरता होता है. इसको "अभ्युदय" हमने नाम दिया है.
- श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अप्रैल २०१०, अमरकंटक)
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