विचार का एक छोटा सा भाग तर्क है. स्वीकृति के लिए निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए तर्क है. निष्कर्ष को जीने में उतारने के लिए तर्क है.
अभी हम विचार को प्रश्न में उलझाने के लिए तर्क को लगाते हैं. फिर तर्क के लिए तर्क का प्रयोग करते हैं. वह कभी निष्कर्ष तक पहुँचता नहीं है.
- श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (जुलाई २०११, अमरकंटक)
No comments:
Post a Comment