This blog is for Study of Madhyasth Darshan (Jeevan Vidya) propounded by Shree A. Nagraj, Amarkantak. (श्री ए. नागराज द्वारा प्रतिपादित मध्यस्थ-दर्शन सह-अस्तित्व-वाद के अध्ययन के लिए)
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Sunday, November 26, 2017
मंगल मैत्री पूर्वक ही प्रबोधन सफल होता है.
- श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद - अगस्त २००६, अमरकंटक
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