This blog is for Study of Madhyasth Darshan (Jeevan Vidya) propounded by Shree A. Nagraj, Amarkantak. (श्री ए. नागराज द्वारा प्रतिपादित मध्यस्थ-दर्शन सह-अस्तित्व-वाद के अध्ययन के लिए)
ANNOUNCEMENTS
Friday, December 21, 2012
अनुभव शिविर 2007 - भाग 3
विगत के अध्ययन से जो सार्थक मिला है, उसको परंपरा में लाया जाए। विगत की जो निरर्थकता है, उसकी कड़ी भाषा से समीक्षा हो।
No comments:
Post a Comment