कीचड में खडा आदमी को पता लग गया कि - यह कीचड है। इससे बाहर निकलना है, यह पता लग गया। बाहर निकलने का रास्ता अध्ययन है - यह पता लग गया।
विचार मजबूत होते-होते इससे पार लगने का रास्ता खोज ही लेते हैं।
वर्तमान में जैसे भी हैं, जैसे भी चल कर पहुंचे हैं, वर्तमान में हमारे पास जो कुछ भी है - उसको "साधन" रूप में माना जाए, "साध्य" न माना जाए। इतना ही बात है।
साधन रूप मानने से हमारे बाहर निकलने का रास्ता बन जाता है। साध्य मान लेने से हमारा बाहर निकलने का रास्ता बनता ही नहीं है। बाँध लग जाता है।
वर्तमान में उत्साहित कैसे रहे? - हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह इससे आगे निकलने के लिए रास्ता बनाने के लिए कर रहे हैं। न कि इसमें डूबने, और डूब कर मरने के लिए। इस बात को आप स्वीकार सकते हैं - हर व्यक्ति स्वीकार सकता है। क्योंकि हर व्यक्ति ५१% से अधिक सही है।
- श्री ए नागराज के साथ संवाद पर आधारित (जनवरी २००७, अमरकंटक)
विचार मजबूत होते-होते इससे पार लगने का रास्ता खोज ही लेते हैं।
वर्तमान में जैसे भी हैं, जैसे भी चल कर पहुंचे हैं, वर्तमान में हमारे पास जो कुछ भी है - उसको "साधन" रूप में माना जाए, "साध्य" न माना जाए। इतना ही बात है।
साधन रूप मानने से हमारे बाहर निकलने का रास्ता बन जाता है। साध्य मान लेने से हमारा बाहर निकलने का रास्ता बनता ही नहीं है। बाँध लग जाता है।
वर्तमान में उत्साहित कैसे रहे? - हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह इससे आगे निकलने के लिए रास्ता बनाने के लिए कर रहे हैं। न कि इसमें डूबने, और डूब कर मरने के लिए। इस बात को आप स्वीकार सकते हैं - हर व्यक्ति स्वीकार सकता है। क्योंकि हर व्यक्ति ५१% से अधिक सही है।
- श्री ए नागराज के साथ संवाद पर आधारित (जनवरी २००७, अमरकंटक)
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